Menu





PUB USER: mitraashutosh

Personal Information

First (Given) Name:
Ashutosh
Middle Name:
Last (Family) Name:
mitra
Date Joined:
01/06/2011
E-Mail Address:
You must be Logged In To View!
Website:
None Provided
Gender:
Male
Profile:
Hello respected visitor,

I belong to a literary family, and I am born and brought-up in the Hindi speaking part of India.

My aim is to be as simple as possible, be it life or translation.I feel that, as translator it is my responsibility to make the content understandable, and to fulfill the basic need of translation.

If you will assign me a project, I assure you of satisfaction in terms of quality and punctuality.

I am thankful for your visit to my page.

Best Regards.



Article Title: अनुवादक के पेशे की शुरुआत....
Date Created:
03/26/2016
Date Updated:
03/26/2016
Language:
Hindi
Category:
Translation
TranslatorPub.Com Rank:
0
Views:
2423
Comments:
0
Ratings:
0, Average Rating: 0 (10 Max)
Text:
अनुवादक पेशे की शुरुआत करने हेतु कुछ सुनहरे सुझाव...

किसी अन्य पेशे की तरह, अनुवादक बनने के लिये अभ्यास, अनुभव और उपयुक्त प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। अगर आप अनुवादकों से यह पूछेंगे(गी) कि वे इस पेशे कैसे आये तो अलग-अलग कहानियाँ सुनने को मिलेंगी, यानी जितने मुँह उतनी बातें। आप पूछेंगे(गी) ऐसा क्यों तो ऐसा इसलिये, क्योंकि इसको करने का कोई एक मानक तरीका नहीं है, हाँ कुछ ऐसे चरण हैं जो आपको सही दिशा की ओर ले जायेंगे तो ऐसे कुछ चरणों के उदाहरणों पर नज़र डालिये:
सबसे पहले त्रुटि-हीन आत्म-परिचय लिखिए:

चूंकि आप इस बात से भली भाँति परिचित है कि आपका आत्म-परिचय त्रुटि-हीन होना चाहिये इसलिये मैं आपको यह कह कर पकाउंगा नहीं कि आपका आत्म परिचय त्रुटि- हीन होना चाहिये। मैं यह अवश्य कहूँगा कि अनुवादक का आत्म-परिचय किसी भी प्रकार की भाषाई त्रुटि से पूर्णतः मुक्त होना चाहिये साथ ही यह आत्म परिचय उस तरह का नहीं होना चाहिये जैसा कि आप दूसरे अन्य पेशों में नियुक्ति के लिये उपयोग करते(ती) रहे(ही)हैं।

यदि आप यह जानने की इच्छा रखते(ती) हैं कि आपने आत्म परिचय को कैसे बनायें तो आप http://www.translatorpub.com/ जैसी साइट पर जा कर अनेकों सक्रिय अनुभवी अनुवादकों द्वारा उपयोग किये गये आत्म-परिचयों को देख कर बहुत कुछ सीख सकते(ती) हैं, यह बिल्कुल मुफ्त उपाय है।
अपनी सेवाओं के विपणन पर ध्यान केन्द्रित करिए:

अपने आत्म परिचय को भेजने के लिये इंटरनेट पर अनुवाद एजेंसियों की खोज करिये। बहुत से ऐसे समूह, ब्लॉग, वेबसाइट मिल जाएंगी जो इस मामले में आपकी भरपूर सहायता कर सकती हैं। अनुवाद एसोसिएशनो के मुफ्त ऑनलाइन डेटाबेस में पंजीकरण करिये, ऑनलाइन जॉब-खोज साइटें जैसे Linkedin आदि पर अपना पंजीकरण करिये अपना प्रोफाइल पोस्ट करिये।

थोड़ा लोकप्रिय बनने का प्रयास करें:

हलांकि तथ्य यह है कि अनुवाद को एक एकान्त पेशे के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो कि अक्सर सही भी होता है। सफल अनुवादक न केवल एक से अधिक भाषाओं के विशेषज्ञ होते हैं बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक सीमाओं से परे एक निपुण व्यक्तित्व होते हैं। अनुवादकों को भाषा से लगाव होता है, लेकिन साथ ही वे लोगों से लगाव रखते हैं और जानते हैं कि किस प्रकार से सहयोग करें दिशानिर्देश लें, काम उपलब्ध कराने वालों और नियोक्ताओं को कैसे खुश रखें।
अपनी विशेषज्ञता से परे किसी भी काम को स्वीकार न करें:

विशेषज्ञता का अर्थ विषय विशेष की शब्दावली से मात्र परिचित होना नहीं है, अपनी सीमाओं और विस्तार को जानिये। जो लोग अपनी ताकत और कमजोरियों को नहीं जानते हैं वे कतई आगे नहीं बढ़ सकते हैं। आपको अपने अवसरों और जोखिमों की पहचान करना भी आना चाहिये।
अपने आँख और कान खुले रखिये:
एक बार किसी एजेंसी द्वारा काम के लिये चुने जाने के बाद, समझदारी यह है कि आप दूसरी अनुवाद एजेंसियां तलाशते(ती) रहें क्योंकि यह कतई ज़रूरी नहीं है कि किसी अनुवाद एजेंसी के पास आपकी विशेषज्ञता के काम हमेशा आते रहेंगे। एक ही एजेंसी के साथ काम करने से कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जैसे आप एक पर ही निर्भर हो जाएंगे(गी), आपके काम में विविधता समाप्त हो जायेगी आदि।
थोड़ा व्यवस्थित हो जाइये:

अपने काम को पूरा करके देते समय, एजेंसी या क्लाइंट को विश्वास दिलाना मत भूलिये कि इस काम संबंधित किसी भी स्पष्टीकरण के लिए आप हमेशा उपलब्ध हैं। काम सौपिये और काम के पारिश्रमिक से संबंधित बिल को भेज दीजिये। आपके बिल में क्लाइंट के लिये जरूरी सारी जानकारी होनी चाहिये, जैसे काम के PO का उल्लेख (अगर है तो), काम मिलने और सुपुर्दगी की तारीख, काम (फाइल) का नाम, प्रोजेक्ट सौपने वाले मैनेजर (एजेंसी के मामले में) का नाम, आपकी दर तथा कुल देय, आपके बैंक व पेपाल, मनीबुकर आदि के संपूर्ण विवरण।
यकीन जानिये अगर आप ऊपर दिये गये सुझावों पर अमल करेंगे(गी) तो आपको लाभ ही होगा। हलांकि हममें से अधिकांश यह सोचते हैं कि ये सारी बाते हम तो हमको पहले से पता है, तो मेरा अंतिम सवाल उन सबसे हैं (जो ये सब जानते हैं)... “थोड़ा सोचिये और खुद को बताइये कि इनमें से कितनी बातों का ध्यान हम रखते है?” किसी को बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन आत्मचिंतन करने के परिणाम बेहतर ही होते हैं। नये अनुवादकों के लिये इन बातों की आदत डालना तुलनात्मक रूप से आसान होगा और इसका उनको लाभ भी मिलेगा, ऐसी आशा और शुभेच्छा के साथ.....अगले लेख तक विदा!

इस लेख को विस्तार से मेरे ब्लॉग http://freelanctranslators.blogspot.in/ पर पढ़ें और अपने विचारों से अवगत करें....


Rate It!
You must be logged in to vote!

You can log in, or sign up for free, here!
Comments:
There are no comments on this yet, be the first below!
Post a new comment:
You must be logged in to comment!

You can log in, or sign up for free, here!
YouTube YouTube YouTube

©TranslatorPub.com 2024 All Rights Reserved.
Mail comments and suggestions to info@translatorpub.com | Privacy Policy | Sitemap.

Paypal     Paypal
Paypal     Paypal
Paypal